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लेखनी कविता रचना प्रतियोगिता -21-Jun-2022

                 
            योगा दिवस.... गीत
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देश को जगायेंगे, भ्रष्टाचार मिटायेगें
देश के जन-जन को सदाचार सिखायेंगे

    योग और प्रणायाम से रोग को मिटाना है
   आप सबके सहयोग से देश को जगाना है
   सिमटकर जो स्वयं तक सीमित हो गये हैं
देशऔर समाज का अर्थ उनको समझाना है
क्लेश को भगायेगें, अनाचार मिटायेंगे
देश के जन,जन को....... 

     आसुरी आवृत्ति में घिर गये हैं चारों तरफ
    आतशी प्रवृत्ति वाले फिर रहे हैं हर तरफ
जलकर खाक न हो जाय इंसा की मनोवृत्ति
बदलकर माहौल ये प्यार बांटो हर तरफ
सबको समझायेंगे, शिष्टाचार बतायेंगे
देश के जन, जन.......

   मन बड़ा चंचल है, स्वच्छ जैसे गंगाजल है
  हर आदमी में बढ़ रहा स्वार्थ लालच छल है
  लिप्त होते जा रहे इस गंदगी में ही सभी                                          क्योंकि इसमें लिप्त नेता पूंजीपति सबल है
मन को मनायेंगे ,अच्छा व्यवहार दिखायेंगे
देश के जन, जन....

    तोड़ कर कानून को गर्व करते हैं सभी
   पाके कुर्सी अब यहाँ जेब भरते हैं सभी
   देखो लूट ऐसी है मची अब हमारे देश में
  विदेशियों ने भी ऐसी लूट न की थी कभी
फांसी चढ़ायेंगे, अत्याचार मिटायेंगे
देश के जन, जन को.......  

स्वस्थ तन,स्वस्थ मन सभी का होना चाहिए
सत्य अहिंसा के बीज सभी में बोना चाहिए
जाति, धर्म, सम्प्रदाय के बन्धनों से मुक्त हो
देश की प्रगति के कार्य का बोझ ढ़ोना चाहिए
नई सुबह लायेंगे, नया संसार बनायेंगे
देश के जन, जन को.....

खालिद हुसैन सिद्दीकी
631/85 मुलायम नगर कालोनी
इस्माईलगंज लखनऊ उ. प्र.
मो.नं.. 6391225295
आज दिनांक 21/6/2022 की लेखनी प्रतियोगिता में शामिल करने के लिए


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3 Comments

Swati chourasia

22-Jun-2022 09:38 AM

बहुत ही बेहतरीन रचना 👌👌

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Zakirhusain Abbas Chougule

21-Jun-2022 06:40 PM

Bahut khoob

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Alfia alima

21-Jun-2022 05:11 PM

Bahut khub

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